वित्तीय समावेशन: हर वंचित व अप्रवेशित भारतीय को बैंक खाता मुहैया कराना ।
मूल सेवाओं की पहुंच: बचत खाते, क्रेडिट, बीमा, पेंशन, और रेमिटेंस को सुलभ बनाना ।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): सभी सरकारी लाभ सीधे इस खाते पर ट्रांसफर करना ।
जन धन खातों की संख्या
जनवरी 2025 तक लगभग 54.58 करोड़ खाते खुल चुके हैं ।
कुल जमा राशी
जनवरी 2025 तक कुल जमा ₹2.46 लाख करोड़,
अप्रैल 2025 तक यह बढ़कर ₹2.63 लाख करोड़ हो गई ।
रुपे कार्ड वितरण
जनवरी 2025 तक कुल 37.29 करोड़ RuPay डेबिट कार्ड जारी हुए ।
📊 अन्य महत्वपूर्ण आंकड़े (14 अगस्त 2024 तक, PIB)
कुल खाते: 53.13 करोड़
महिलाएँ: 55.6% खाताधारक
ग्रामीण/सेमी-शहरी हिस्सेदारी: 66.6%
औसत जमा राशि: ₹4,352
इस योजना ने भारत भर में लगभग 55.22 करोड़ व्यक्तियों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया ।
67% खाते ग्रामीण क्षेत्रों से, और 55.5% खाताधारक महिलाएँ हैं — यह व्यापक और समावेशी विस्तार दर्शाता है ।
- बिना न्यूनतम शेष, शून्य-शुल्क खाते।
- रुपे कार्ड, जिसमें दुर्घटना बीमा ₹2 लाख तक।
- छह महीने सक्रिय रहने पर OD सुविधा ₹5,000 तक।
- DBT सुविधाएँ: जन-कल्याण योजनाओं के फंड सीधे खाते में आते हैं।
- आगे के फायदे: पेंशन (APY), जीवन बीमा (PMJJBY), दुर्घटना बीमा (PMSBY), और मुद्रा ऋण का पात्रता आसानी से मिलती है।
जुलाई 2025 की शुरुआत के दो सप्ताह में ही 1.4 लाख नए खाते खुले, और 5.4 लाख नए “जन सुरक्षा योजनाओं” में नामांकन हुए ।
PMJDY ने:
विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजना बनकर दिखाया है।
अरबों रुपये की जमा राशि को सुलभ, सुरक्षित और ट्रैक योग्य बनाया है।
ग्रामीण इलाकों, महिलाओं और कमजोर वर्गों को आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ा।
यदि आपके मन में कोई विशिष्ट प्रश्न हों जैसे:
आवेदन प्रक्रिया,
सीमा सुविधाएं (OD, बीमा),
या लोकल स्टेटिस्टिक्स (जैसे मध्य प्रदेश या भोपाल में हाल की स्थिति),
तो कृपया बताएं—मैं विस्तृत जानकारी देने को तैयार हूँ!