दिल्ली में पानी का निजीकरण की चर्चाएं हाल ही में तेज़ हुई हैं — खासकर जुलाई 2025 में घोषित नई नीति के बाद। लेकिन विशेषज्ञों और सरकार दोनों के पास इसे ‘पूर्ण निजीकरण’ न मानने की सफाई भी मौजूद है।
🔹 क्या हो रहा है?
16 जुलाई 2025 को दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने अपनी नई नीति—‘One Zone, One Operator’—की घोषणा की, जिसमें दिल्ली को आठ ज़ोन में बाँटकर प्रत्येक ज़ोन की पानी और सीवेज सेवाओं को भागीदार निजी ऑपरेटरों को सौंपा जाएगा ।
निजी ऑपरेटर ज़ोन स्तर पर जिम्मेदार होंगे:
जल आपूर्ति संचालन
सीवेज नेटवर्क मेंटेनेंस
लीकेज सुधार (Non‑Revenue Water कम करना)
बिलिंग, कलेक्शन और ग्राहक सेवा
🚫 लेकिन क्या यह असली ‘निजीकरण’ है?
DJB की आधिकारिक स्थिति यह है कि यह निजीकरण नहीं, बल्कि केवल ऑपरेशनल सुधार और जवाबदेही लाने की कोशिश है।
DJB अभी भी पानी का स्रोत, शुद्धिकरण, थोक वितरण और प्रदर्शन समीक्षा संभालेगी ।
जल की दरें, सब्सिडी, और नियामक नियंत्रण सरकार द्वारा ही तय किए जाने जारी रहेंगे ।
🧾 क्यों लागू किया जा रहा है?
वर्तमान में दिल्ली में लगभग 50–52% पानी बर्बाद हो जाता है (लीकेज, चोरी, मुनाफ़ारहित उपयोग), जिससे सिस्टम कुशल नहीं है ।
9,000 करोड़ रुपये के बजट के तहत दिल्ली सरकार ने पाइपलाइन सुधार, मेटरिंग, SCADA सिस्टम, टैंकर्स और ट्यूबवेल्स सहित कई सुधारों का प्रस्ताव रखा है ।
🧭 विशेषज्ञों का क्या कहना है?
कई विशेषज्ञ इसे सकारात्मक कदम मानते हैं—पुराने बिजली वितरण मॉडल की तरह यह प्रणाली कार्यक्षमता, लागत बचत और ग्राहक संतुष्टि सुधार सकती है, बशर्ते उचित नियामक नियंत्रण रहे ।
📋 सारांश तालिका
पहलू विवरण
नीति One Zone, One Operator (8 ज़ोन)
निजी ऑपरेटरों की भूमिका वितरण, रखरखाव, बिलिंग, NRW सुधार
DJB की भूमिका स्रोत, शुद्धिकरण, थोक वितरण, नियमन
उद्देश्य पानी की बर्बादी घटाना, जवाबदेही बढ़ाना, पूरे दिन पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना
निजीकरण? नहीं — राज्य निगरानी एवं क़ानूनी नियंत्रण बरकरार रहेगा
❓ आम सवाल और उनके जवाब
क्या पानी महँगा हो जाएगा?
सरकार का दावा है कि पानी की दरें नहीं बढ़ेंगी क्योंकि DJB नियामक रहेगी और लक्ष्य NRW को कम करके बचत करना है—टैरिफ बढ़ाने से बचते हुए सेवा सुधारना है ।
पहला ज़ोन कैसे चुना गया?
वज़ीराबाद ज़ोन, जहां करीब 31 लाख लोग रहते हैं, इस मॉडल के तहत पहले शामिल किया जाएगा। सफल होने पर बाकी छह ज़ोन में विस्तार होगा ।
क्या सब्सिडी योजना समाप्त होगी?
वर्तमान में 20,000 लीटर तक सब्सिडी सभी परिवारों को मिलती है, लेकिन सरकार इसे केवल निचले आय वर्ग (Category H) तक सीमित करने पर विचार कर रही है—विशेषकर उच्च आय वर्ग वालों को—जिससे वित्तीय भार कम हो सके ।
✅ निष्कर्ष
दिल्ली में पानी को ‘निजीकरण’ कहना ठीक नहीं होगा, क्योंकि निजी कंपनी नहीं—केवल संचालन का जवाबदेही भाग सौंपा जा रहा है, जबकि थोक स्तर का नियंत्रण सार्वजनिक संस्थान, DJB, के पास ही रहेगा। यह बड़े पैमाने पर सिस्टम सुधार की दिशा में सरकार की पहल कही जा सकती है।