🗓️ प्रमुख तथ्य और समय-सीमा
मंजूरी की तिथि: 16 जुलाई 2025 को कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दी ।
कार्यान्वयन अवधि: योजना 2025‑26 वित्तीय वर्ष से शुरू होकर छह वर्षों तक चलेगी, अर्थात् 2025‑26 से 2030‑31 तक ।
वित्तीय आवंटन: प्रति वर्ष लगभग ₹24,000 करोड़, कुल छह वर्षों में, योजना के लिए आरक्षित है ।
🎯 उद्देश्य एवं लक्षित जिलों
लक्ष्य: भारत के उन 100 कृषि जिलों को विकसित करना जो कृषि उत्पादकता, फसल विविधता और कृषि ऋण निर्गम में पिछड़े हैं ।
चयन मापदंड: चयन में निम्न तीन मानदंड शामिल हैं:
- कृषि उत्पादकता में कमी
- कम फसल घनत्व (cropping intensity)
- सीमित ऋण प्रवाह
प्रत्येक राज्य/संघीय प्रदेश से कम से कम एक जिला शामिल किया जाएगा; कुल जिले राज्यों की Net Cropped Area और holdings के अनुपात में चुने जाएंगे ।
⚙️ संरचना और कार्यान्वयन प्रक्रिया
36 केंद्रीय योजनाओं का संमिलन: योजना 11 केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा संचालित 36 मौजूदा योजनाओं को समेकित रूप से लागू करेगी, राज्य योजनाओं एवं निजी भागीदारों के सहयोग से ।
संस्थागत तंत्र:
District Dhan‑Dhaanya Samiti: जिला स्तर पर योजना बनाने के लिए प्रगतिशील किसान और कलेक्टर शामिल होंगे।
State और National Committees: राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर योजना की समीक्षा, नियंत्रण एवं मार्गदर्शन के लिए गठित।
Central Nodal Officers: प्रत्येक जिले में तैनात होंगे ताकि सीधे फील्ड मॉनिटरिंग हो सके।
NITI Aayog सहयोग: जिला योजनाओं की समीक्षा एवं मार्गदर्शन प्रदान करेगा ।
📊 निगरानी एवं लाभार्थी
स्पष्ट मानदंड और मॉनिटरिंग: योजना की प्रगति को 117 key performance indicators (KPIs) के माध्यम से मासिक रूप से एक डिजिटल डैशबोर्ड पर ट्रैक किया जाएगा ।
लाभार्थी अनुमान: अनुमानित तौर पर 1.7 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है ।
✅ सारांश तालिका
पहलू विवरण
योजना नाम प्रधानमंत्री धन‑धान्य कृषि योजना (PMDDKY)
कैबिनेट मंजूरी तिथि 16 जुलाई 2025
क्रियान्वयन अवधि 2025‑26 से 2030‑31 (6 वर्ष)
कुल वार्षिक आवंटन ₹24,000 करोड़ प्रति वर्ष
लक्षित जिलों की संख्या 100 जिले
चयन मानदंड कम उत्पादकता, कम cropping intensity, कम ऋण प्रवाह
कार्यान्वयन ढांचा जिला, राज्य, राष्ट्रीय समिति; Central Nodal Officers; NITI Aayog
मॉनिटरिंग उपकरण 117 कीपीआई पर मासिक डिजिटल डैशबोर्ड मॉनिटरिंग
अपेक्षित लाभार्थी लगभग 1.7 करोड़ किसान