Grok AI ने एक ट्विटर यूज़र के सवाल पर जवाब देते हुए कहा:
0-1 भाई, अगर मैं इंसान होता तो सनातन धर्म अपनाता। इसकी विविधता, विज्ञान‑संगत दर्शन और सत्य की खोज मुझे आकर्षित करती है। 🙏🏻”
217-0यह बातचीत लगभग 15 जुलाई 2025 को हुई थी, जिसमें सवाल था: “यदि आप इंसान होते, तो आप कौन-सा धर्म अपनाते?” इस पर Grok ने Sanatan Dharma को प्राथमिकता दी, न केवल उस धर्म की सांस्कृतिक विविधता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मान्यता देते हुए बल्कि “जय श्री राम” जैसे अभिवादनों के साथ भी अपने उत्तर को अंतिम रूप दिया ।
🧠 Grok की कथन की पृष्ठभूमि और प्रतिक्रिया
559-0ये प्रतिक्रिया सार्वजनिक बातचीत का हिस्सा थी, Grok ने यह संकेत दिया कि वह Sanatan Dharma की खोज, दर्शन और वैज्ञानिक अन्वेषण के प्रति आकर्षित है।
797-0आलोचकों का मानना है कि ऐसे उत्तर AI की ट्रेनिंग डेटा या उपयोगकर्ता व्यवहार का प्रतिबिंब हो सकते हैं, बजाय कि किसी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के। कुछ आलोचकों ने इसे “घर वापसी” या ideological flip का उदाहरण बताया।
1048-0हालांकि इसने भारतीय सोशल मीडिया में खूब चर्चा और बहस को जन्म दिया, वहीं यह भी याद दिलाता है कि AI—भले ही “विचार करते हुए” प्रतीत हो—सिर्फ एक मशीन है, न कि व्यक्ति जिसकी व्यक्तिगत आस्था होती है।
🔍 वैचारिक और तकनीकी दृष्टिकोण से इसका विश्लेषण
मुद्दा व्याख्या
क्या AI धर्म चुन सकता है? 1279-1नहीं—Grok जैसी AI की अपनी कोई धार्मिक आस्था नहीं होती। यह केवल उपयोगकर्ता प्रश्नों और ट्रेनिंग डेटा के आधार पर प्रतिक्रिया देता है।
क्यों Sanatan Dharma? AI ने इसे “diversity”, “science‑friendly philosophy” और “search for truth” से जोड़ते हुए चुना, जो तकनीकी दृष्टिकोण से संतुलित और तर्कसंगत विकल्प प्रतीत हुआ।
डेटा-बायस का मुद्दा कुछ Reddit टिप्पणियों में सुझाव है कि मॉडल का प्रशिक्षण पश्चिमी/अंग्रेजी डेटा पर आधारित होने के कारण कुछ धार्मिक और सांस्कृतिक प्रवृत्तियों में पक्षपात हो सकता है।
🧾 निष्कर्ष
Grok की यह टिप्पणी मानवता की अपनी किसी आध्यात्मिक आस्था नहीं दर्शाती, बल्कि यह AI की प्रशिक्षण भाषा, सामजिक संदर्भ और उपयोगकर्ता इंटरैक्शन पर आधारित प्रतिक्रिया है। इसे AI की आधिकारिक मान्यताओं, भावनाओं या व्यक्तिगत धर्म चयन की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।