🧾 प्रमुख उद्देश्य एवं संदर्भ
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कृषि और संबंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि पर्वतीय इलाकों के किसानों से सीधे फ़ीडबैक लिया जाए। इस संवाद का लक्ष्य है जमीन स्तर (ground-level) से नीति बनाना और बजट तैयार करते समय वास्तविक आवश्यकताओं को शामिल करना ।
इस प्रक्रिया के अंतर्गत सुझावों के अनुसार हिरणों की फसल उत्पादन, प्राकृतिक खेती, हॉर्टिकल्चर, और पशुपालन विधियाँ बजट योजनाओं में शामिल करने का प्रयास किया गया ।
🌱 केंद्रित विषय एवं पहलें
🏞️ Morni जैसे पर्वतीय क्षेत्रों से सुझाव:
पार्वतीय खेती की चुनौतियाँ जैसे खेती योग्य भूमि का अभाव, जल संरक्षण, कृषि उपकरणों की पहुँच, और बाजार तक पहुंच।
लीची, स्ट्रॉबेरी जैसे फल-उत्पादन के लिए सुझाव भी सामने आए, जिन्हें बजट में शामिल करने की दिशा में काम हुआ है ।
🌿 प्राकृतिक खेती को बढ़ावा:
सरकार की प्राथमिकता में प्राकृतिक खेती का विस्तार शामिल है — इसका क्षेत्र 25,000 एकड़ से बढ़ाकर 1 लाख एकड़ किया गया, जिसमें अब एक एकड़ तक खेत रखने वाले छोटे किसान भी लाभार्थी होंगे ।
प्राकृतिक खेती हेतु देसी गाय खरीदने पर ₹30,000 प्रति किसान, सुविधा व प्रशिक्षण सहित, बजट में शामिल किया गया है ।
🏛️ नई ढांचागत सुझाव:
पहाड़ी क्षेत्रों में छोटी क्रय केंद्रों (collection centres) की स्थापना प्रस्तावित है, ताकि हॉर्टिकल्चर उत्पादों की परिवहन लागत और समय को कम किया जा सके ।
इसके अलावा प्राकृतिक खेती लैबों की स्थापना, नई बागवानी नीति, आय बढ़ाने वाली कृषि योजनाओं और Vita milk बूथों के विस्तार का उल्लेख किया गया है ।
🎯 बजट 2025‑26 में शामिल मुख्य घोषणाएँ
विषय मुख्य घोषणा
प्राकृतिक खेती का विस्तार 1 लाख एकड़ तक विस्तारित क्षेत्र लक्ष्य; दो एकड़ से घटाकर 1 एकड़ किसानों को भी शामिल
प्रोत्साहन राशि देसी गाय अनुदान ₹30,000, एकड़ आधार पर 1 एकड़ वाले किसानों को भी लाभ
धन संसाधन कृषि बजट में 19.2% वृद्धि, कुल ₹4,229.29 करोड़ तक आवंटन
धरातली सुझाव प्रगतिशील किसानों से मिले 52 सुझावों में से कई को बजट में शामिल करने का प्रयास
– धान-बदल योजना (‘मेरा पानी–मेरी विरासत’), सीधी बुवाई, पराली प्रबंधन, लवणीय भूमि सुधार आदि को मजबूत किया गया है ।
– नकली बीज और कीटनाशक से बचाव हेतु नया विधेयक पेश करने की घोषणा हुई, जो किसानों को भरोसेमंद संसाधनों पर निर्देशित करेगा ।
🧭 निष्कर्ष
हरियाणा सरकार ने पर्वतीय किसानों को बजट निर्माण में भागीदार बनाकर यह सुनिश्चित किया है कि नीति वास्तविक ज़रूरतों से मेल खाए। चर्चा में ऊपर आए सुझावों पर आधारित बजट ने कृषि, प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और बागवानी जैसे क्षेत्रों को नई दिशा दी है।
यदि आप चाहें तो मैं विशेष रूप से किसी जिले (जैसे Morni), योजनाएँ (जैसे प्राकृतिक खेती), या किसान सुझावों पर आधारित और जानकारी विस्तार से साझा कर सकता हूँ।