न्यूज़ रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में भीषण मानसून का कहर, मौतों की संख्या 184 तक पहुँची
स्थान: शिमला | तिथि: 5 अगस्त 2025
🚨 मुख्य तथ्य:
20 जून से 3 अगस्त, 2025 की अवधि में हिमाचल प्रदेश में जारी अत्यधिक बारिश और प्राकृतिक आपदाओं के कारण कुल 184 लोगों की मौत हुई है ।
इनमें से 103 मौतें मुख्यतः भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, क्लाउडबर्स्ट, डूबने, बिजली गिरने जैसे मानसूनी घटनाओं के कारण हुईं; जबकि 81 मौतें सड़क दुर्घटनाओं के चलते हुईं ।
🛠️ इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं में व्यापक क्षति:
309 से 404 सड़कें ब्लॉक हुईं, जिनमें प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग NH‑305 भी शामिल है ।
236–411 पानी आपूर्ति योजनाएं और 113–411 बिजली ट्रांसफॉर्मर बंद हुए, जिससे सार्वजनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ ।
🏙️ प्रभावित जिलों की स्थिति:
मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित: यहाँ 23 मानसून‑संबंधी मौतें और 14 सड़क हादसों की जानें गईं; साथ ही 167 ब्लॉक की गई सड़कें, 74 पानी योजनाएं और 91 ट्रांसफॉर्मर बाधित हुए ।
कांगड़ा, कुल्लू, छम्बा, शिमला जिलों में भी भारी तबाही हुई है। कुल्लू में पुलों की तबाही और लाहौल-स्पीति क्षेत्र अलगाव की स्थिति में पहुंचा ।
💰 आर्थिक तथा प्रशासनिक असर:
राज्य में नुकसान लगभग ₹1,714–₹1,715 करोड़ तक पहुँच गया है, जिससे राज्य प्रशासन और सार्वजनिक संपत्ति को भारी क्षति हुई है ।
मानसून की त्रासदी का सामना करते हुए, सरकार ने राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए आपातकालीन तैयारियाँ तेज कर दी हैं ।
🌧️ मौसम और चेतावनी:
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने Una, Hamirpur, Bilaspur जिलों में ऑरेंज अलर्ट और कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर में येलो अलर्ट जारी किया है, आगे भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है ।
📈 पूर्ववर्ती आंकड़े और जलवायु चेतावनी:
Down To Earth रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्षों के मानसून मुकाबले यह साल सबसे अधिक विनाशकारी रहा है — 2021 में 476 मौतें, 2023 में ₹12,000 करोड़ नुकसान; जबकि इस बार 184 मौतें और ₹1,714 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ है ।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रशासन की लापरवाही की सख्त आलोचना की है, साथ ही भविष्य में स्थिति और बिगड़ने की चेतावनी दी है ।
📋 रिपोर्ट सारांश:
श्रेणी विवरण
मृतकों की संख्या 184 (103 मानसून‑संबंधी घटनाओं से, 81 सड़क दुर्घटनाओं से)
राहत नहीं होने वाली सेवाएं 236–404 सड़कें, 236–411 जल योजनाएं, 113–411 ट्रांसफॉर्मर बंद
सबसे प्रभावित जिले मंडी, कांगड़ा, कुल्लू, छम्बा, शिमला
आर्थिक नुकसान लगभग ₹1,714–₹1,715 करोड़
अलर्ट स्थिति ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी; पूरा राज्य सतर्क
अगले कदम AI आधारित चेतावनी प्रणालियाँ, पुनर्वास एवं राहत कार्य