🏛️ 1. रजिस्ट्री स्वतः मालिकाना हक नहीं देगी
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि रजिस्ट्री करना संपत्ति का स्वामित्व सिद्ध नहीं करता — केवल रजिस्ट्री करने से मालिकाना हक नहीं मिल जाता है, इसके लिए टाइटल डीड, म्यूटेशन सर्टिफिकेट, टैक्स रसीदें आदि जैसे दस्तावेज़ जरूरी हैं ।
📅 2. पुराना Registration Act, 1908 अब बदल रहा है
Registration Bill, 2025 नाम से एक नया विधेयक लाया गया है जो 117 साल पुराने Registration Act, 1908 की जगह लेगा ।
इसमें जमीन/अचल संपत्ति से संबंधित कई प्रकार के दस्तावेज़—जैसे ‘Agreement to Sell’, Power of Attorney (PoA), बिल्डर/डेवलपर के समझौते, इत्यादि—के रजिस्ट्रीकरण को अनिवार्य किया गया है ।
💻 3. डिजिटलाइजेशन और ई-रजिस्ट्री
अब पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी– डॉक्युमेंट्स डिजिटल रूप में जमा, आधार से बायोमेट्रिक सत्यापन, ई-स्टांपिंग, डिजिटल सिग्नेचर, वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑनलाइन फीस/स्टाम्प पेमेंट और अंत में डिजिटल रजिस्ट्री सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा ।
🆔 4. पहचान और पारदर्शिता बढ़ाना
आधार लिंकिंग अनिवार्य है लेकिन विकल्प के रूप में अन्य पहचान भी स्वीकार्य है ।
वीडियो रिकॉर्डिंग और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से फर्जी रजिस्ट्री कठिन होगी ।
⚖️ 5. गलत रजिस्ट्री रद करने का अधिकार
अब रजिस्ट्रार जनरल (Inspector General of Registration) को गलत सूचना, फर्जी दस्तावेजों या नियमों के उल्लंघन पर रजिस्ट्री रद करने का अधिकार मिलेगा ।
साथ ही देय दंड और सजाओं में भी बदलाव प्रस्तावित है (कैद की अवधि अब 3 वर्ष, पहले 7 वर्ष तक) ।
📝 6. दस्तावेज़ सुधार को समय
डिजिटल सिस्टम शुरू होने से पहले, संपत्ति मालिकों को सलाह दी जा रही है कि वे नाम, पते, दस्तावेज़ों में सुधारे, पुराने PoA को भी अपलोड करें ।
✅ सारांश में, नई व्यवस्था की प्रमुख बातें:
क्षेत्र बदलाव
Digitization ऑनलाइन आवेदन, फीस, वीडियो रिकॉर्डिंग, डिजिटल सर्टिफिकेट
पहचान आधार—बायोमेट्रिक या वैकल्पिक
दस्तावेज़ अधिक प्रकार के दस्तावेज़ रजिस्ट्री हेतु जरुरी
पारदर्शिता फर्जीख़र्फ दस्तावेज़ की संभावना कम
कानूनी अधिकार रद, सुधार, आपत्ति का अधिकार
मालिकाना हक रजिस्ट्री मात्र मालिकाना हक साबित नहीं करती
🧭 क्या यह बदलाव कब से प्रभावी हैं?
अधिकांश डिजिटल और बायो-वेरीफिकेशन वाले नियम 1 जनवरी 2025 से लागू हैं ।
Registration Bill, 2025 अभी ड्राफ्ट अवस्था में है और उस पर सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं—आगे की कार्यवाही में संसद स्वीकृति दे सकती है ।
🛡️ आपके लिए क्या करें?
- यदि आपने संपत्ति खरीदी है, तो सभी दस्तावेज अपडेट व सुधार करवाएं—नाम, पता, पहचान।
- PoA या पुराने दस्तावेज़ों को डिजिटल रजिस्ट्री पोर्टल पर सबमिट करें।
- रजिस्ट्री के बाद केवल रसीद न समझें—टाइटल डीड, मैच्युटेशन, टैक्स रसीद जैसी माध्यमों से स्वामित्व स्पष्ट करें
यदि आप अपने राज्य में विशेष टेक्निकल गाइडेंस, पोर्टल लिंक या प्रक्रिया स्टेप-बाय-स्टेप जानना चाहें, तो मैं मदद के लिए यहाँ हूँ!