🔷 1. नीति निर्माण में ‘एक छत’ की भूमिका
📌 कर्तव्य भवन और सेंट्रल विस्टा परियोजना
कर्तव्य भवन (पूर्व में केंद्रीय सचिवालय) नई दिल्ली में बन रहा है, जो 10 से अधिक पुराने सरकारी भवनों को समाहित करेगा।
इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, श्रम, ऊर्जा, पर्यावरण, MSME, आदि मंत्रालयों के ऑफिस एक ही परिसर में होंगे।
इससे होगा लाभ:
नीतिगत तालमेल (Policy Coordination) — मंत्रालयों के बीच फाइलें अब महीनों नहीं लगेंगी।
डिजिटल इंटीग्रेशन – सभी मंत्रालयों को एक कॉमन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ा जा रहा है।
लागत में बचत – पुराने किराए के भवनों का खर्च समाप्त होगा।
🔷 2. सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में समेकन
📌 MAC – Multi-Agency Centre
यह गृह मंत्रालय के अधीन एक इंटेलिजेंस कोऑर्डिनेशन हब है।
इसमें शामिल हैं:
IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो)
RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग)
NIA, NTRO, NSG, और राज्य पुलिस की स्पेशल ब्रांचेज
लाभ:
आतंकी, साइबर या आतंरिक ख़तरों पर तेज प्रतिक्रिया
सभी एजेंसियों की जानकारी रीयल-टाइम में साझा
एकीकृत साइबर ट्रैकिंग और ब्लॉकिंग तंत्र
🔷 3. समन्वय — Ministries और Agencies के बीच
📌 उच्च स्तरीय सचिवों की बैठक
मई 2025 में PM मोदी ने 25+ मंत्रालयों के सचिवों के साथ हाई-लेवल मीटिंग की:
विषय: एकीकृत राष्ट्रीय प्रतिक्रिया प्रणाली
सुझाव: सभी मंत्रालयों की आपदा योजना, IT बैकअप, जारी सेवाओं की निरंतरता (Continuity Planning) एक साथ।
अब हर मंत्रालय को:
EMRS (Emergency Management & Response System) से जोड़ा गया है।
सामूहिक फैसले लेने की समयसीमा तय की गई है — अधिकतम 5 कार्यदिवस।
🔷 4. डिजिटल इंटीग्रेशन
📌 e‑Samiksha, e‑Office, PM Gati Shakti
e‑Samiksha: मंत्रालयों द्वारा PMO को प्रगति की ऑनलाइन रिपोर्टिंग।
e‑Office: कागज-रहित, डिजिटल दस्तावेज़ प्रवाह।
Gati Shakti योजना: रेल, सड़क, पोर्ट, एयरपोर्ट, लॉजिस्टिक्स — सभी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को एक मंच पर लाना।
🔷 5. राज्यों के साथ तालमेल
राज्यों के मुख्य सचिव और केंद्र के सचिव अब एकीकृत पोर्टल पर योजनाओं, बजट और आपदाओं पर संवाद कर सकते हैं।
नीति आयोग भी अब Real-Time Coordination Dashboard चला रहा है, जो केंद्र-राज्य समन्वय को बढ़ाता है।
📌 निष्कर्ष:
“एक छत, कई मंत्रालय” केवल प्रशासनिक सुविधा नहीं है, यह:
🇮🇳 नीति निर्माण में गति,
🔐 राष्ट्रीय सुरक्षा में तालमेल,
🤝 राज्यों और केंद्र के बीच सहयोग,
📊 डिजिटलीकरण और पारदर्शिता
… सबको समेटने वाली रणनीति है।
कर्तव्य भवन – एक छत, कई मंत्रालय
दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले कर्तव्य भवन (Kartavya Bhawan) इसी दृष्टिकोण का श्रेय हैं। 6 अगस्त 2025 को कर्तव्य भवन–3 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। अब इस नए, आधुनिक सचिवालय भवन में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, पेट्रोलियम मंत्रालय, MSME और अन्य महत्वपूर्ण विभाग एक ही परिसर में स्थित होंगे—जिससे प्रशासनिक समन्वय और फैसले लेने की प्रक्रिया अधिक तेज और प्रभावी होगी।
समन्वय और सुरक्षा के लिए ‘एक छत’
राष्ट्रीय सुरक्षा और आपातकालीन तैयारियों के मामले में अंतर-मंत्रालयी समन्वय बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
प्रधानमंत्री ने विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के सचिवों के साथ बैठक कर परिचालन निरंतरता और लचीलापन बनाए रखने पर जोर दिया। इसमें गृह, रक्षा, विदेश, सूचना एवं प्रसारण, स्वास्थ्य, ऊर्जा आदि मंत्रालयों को पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
रक्षा एवं सुरक्षा तंत्र में समन्वय के लिए मल्टी‑एजेंसी सेंटर (MAC) की शुरुआत की गई। यह केंद्र नॉर्थ ब्लॉक में स्थित है और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया जानकारी एक जगह साझा करने की सुविधा देता है, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा और आपराधिक खुफिया मामलों का सतत समन्वय होता है।
सारांश में:
कर्तव्य भवन: एक जगह कई मंत्रालयों के कार्यालय, नीति निर्माण और प्रशासनिक दक्षता के लिए।
उच्चस्तरीय बैठक: समन्वय, परिचालन थिंक टैंक व सुरक्षा रणनीति का केंद्रीकरण।
मल्टी‑एजेंसी सेंटर (MAC): देश में सुरक्षा खुफिया जानकारी को एकीकृत करने का सिस्टम।