📰 न्यूज़ रिपोर्ट
हेडलाइन:
काशी में बाढ़ का कहर: 53 गाँव डूबे, 6,600 से अधिक प्रभावित, 3,750 कैंप में, स्मार्ट सिटी का 47 वर्षीय रिकॉर्ड टूटने का खतरा
स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश | तिथि: 5 अगस्त 2025
🌊 प्रमुख आँकड़े और घटना की गंभीरता:
गंगा नदी ने 71.26 मीटर खतरे के निशान को पार करते हुए लगभग 71.75‑71.80 मीटर तक पहुँच गई, जिससे 84 घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए—यह पहली बार है जब 2016 के बाद घाटों पर पानी चढ़ा है ।
बाढ़ से 53 गाँव और 24 नगरीय वार्ड प्रभावित हुए, जिनमें लगभग 6,631 लोग (1,443 परिवार) शामिल हैं। इनमें से 3,752 लोग राहत शिविरों में और 2,879 अन्य सुरक्षित स्थानों पर ले जाए गए ।
🏘️ समुदाय पर प्रभाव और विस्थापन:
कुल 6,000 लोग (1,200+ परिवारों से अधिक) को सुरक्षित स्थानों पर सरकाया गया, जिनमें अधिकांश वाराणसी के आसपास के इलाकों के निवासी हैं ।
कुल 53 गाँवों सहित 60 से अधिक स्थानीयताएं और 1,469 किसान प्रभावित हुए, जिसमें 327.9 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हुई है ।
🛠️ सरकारी राहत कार्य और प्रशासनिक त्वरित कार्रवाई:
उत्तर प्रदेश सरकार ने “Team‑11” योजना के तहत राहत कार्यों को सुदृढ़ किया है। NDRF, SDRF, PAC और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर बचाव और राहत कार्यों को तेज़ी से संचालित किया है ।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, जिन्होंने वाराणसी का दौरा किया, उन्हें प्रभावित लोगों को खाद्य पैकेट, मेडिकल सहायता और बिजली-सफाई जैसी आवश्यक सेवाएं पहुँचाने का निर्देश दिया गया और मुख्यमंत्री का सहायता पैकेट वितरित किया गया था ।
PM मोदी ने हालात की समीक्षा की और प्रशासन को प्रभावित लोगों तक राहत पहुँचाने के आदेश दिए हैं—साथ ही वाराणसी में रिलीफ कैंप एवं सुविधाओं का जायजा लिया गया ।
⚠️ 47 वर्षों पुराने रिकॉर्ड का जोखिम:
गंगा का पिछला उच्चतम रिकॉर्ड वर्ष 1978 में 73.90 मीटर था, जिसे अब तोड़ने का डर है, जबकि हालिया परिवर्धित पानी का स्तर लगातार बढ़ने की कुहनी दिखा रहा है ।
वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में क्रेमेशन ग्राउंड्स डूबने से अंतिम संस्कार सड़कों पर हो रहे हैं, और शवों को गंगा घाटों तक पहुँचाने में कई घंटे लग रहे हैं ।
📊 रिपोर्ट सारांश:
विषय विवरण
गांव/वार्ड प्रभावित 53 गाँव + 24 नगरीय वार्ड
लोग प्रभावित लगभग 6,631 लोग (1,443 परिवार)
राहत शिविर में 3,752 लोग
अन्य सुरक्षित स्थान 2,879 लोग
विस्थापित परिवार 1,200+
कृषि प्रभावित 327.9 हेक्टेयर, 1,469 किसान
घाट स्तर 71.75‑71.80 मीटर (खतरे से ऊपर)
सुरक्षा कार्य Team‑11, NDRF, SDRF, PAC
संसदीय समीक्षा पीएम मोदी और मंत्री जांचित
रिकॉर्ड की चुनौती 1978 के 73.90 मीटर रिकॉर्ड का जोखिम
🧠 विश्लेषण और निष्कर्ष:
वाराणसी सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति अत्यंत गंभीर है, क्योंकि गंगा नदी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है और इसका प्रभाव सीधे गतिशील जीवन और अंतिम संस्कार तक पहुंचा है।
प्रशासन ने तुरंत राहत कार्यों का आगाज किया है, लेकिन स्मारक शहर फटाफट से जलमग्न हो गया है—कड़ी चुनौतियों में इतना सुनिश्चित करना कठिन है कि 47 वर्षीय रिकॉर्ड टूटने से पहले प्रभावित समुदायों की रक्षा हो।
आगामी दिनों में बारिश की जारी रफ्तार और प्रशासन की कुशल प्रतिक्रिया ही इस मानवीय आपातकाल से लोगों के शोषण को नियंत्रित कर सकती है।