📰 न्यूज़ रिपोर्ट
सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम हमलावरों की पाकिस्तानी नागरिकता साबित की — फोरेंसिक और डिजिटल सबूतों के आधार पर
तिथि: 5 अगस्त 2025 | स्थान: नई दिल्ली / श्रीनगर
🔍 मुख्य तथ्य:
तीन आतंकवादी, जिनकी पहचान ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान 28 जुलाई को सिविल कंटेनर के इलाके Dachigam-हरवान जंगल में हुई मुठभेड़ में की गई, पूरी तरह से पाकिस्तान के नागरिक पाए गए। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कोई लोकल शामिल नहीं था * ।*
इन तीनों को सुलेमान शाह (Faizal Jatt), Abu Hamza (Afghan) और Yasir (Jibran) के नामों से पहचाना गया, जो Lashkar‑e‑Taiba के वरिष्ठ कमांडर थे। Suleman एक पूर्व Pak special forces (SSG) कमांडो बताए जा रहे हैं * ।*
🧪 सबूत और जांच:
- बायोमैट्रिक और दस्तावेजी प्रमाण — Pakistani NADRA डेटा (fingerprints, facial templates), Pak-issued voter ID slips recovered from attackers से उनकी पहचान मुहरबंद हुई।
- डिजिटल फुटप्रिंट और सैटेलाइट फोन ट्रैकिंग — Huawei सैटफोन डेटा, GPS waypoints, Inmarsat-pings इत्यादि ने अपराधियों के Pakistan स्थित safe-houses से भारतीय सीमा प्रवेश तक मार्ग प्रशस्त किया * ।*
- गोलियों की forensic मैचिंग — AK‑103 राइफलों से निकलने वाले shell casings का ballistics मिलान पोस्ट-encounter हथियारों से 100% मेल खाया।
- गवाहियों और कथन — स्थानीय अधिकारियों द्वारा पकड़े गए दो Kashmiri OGW (Parvaiz और Bashir) ने आतंकवादियों को आश्रय एवं खाना खिलाने की पुष्टि की; eyewitnesses ने firing positions, भाषा और अन्य विवरण बताए ।
🌐 अंतर्राष्ट्रीय मान्यता:
UNSC की Sanctions Committee की हालिया रिपोर्ट ने पहली बार विशिष्ट रूप से The Resistance Front (TRF) (जो LeT से जुड़ा समूह है) का नाम लेते हुए पहलगाम हमले में उसकी भूमिका को स्वीकार किया। यह भारत के cross-border terrorism के खिलाफ वैश्विक समर्थन हासिल करने में भी महत्वपूर्ण कदम है ।
🛡️ सरकारी प्रतिक्रिया:
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पुष्टि की कि इन आतंकियों की पहचान Pakistani nationals के रूप में हुई, जिसमें Pakistani-made voter IDs, forensic मिलान, और महादेव ऑपरेशन के दौरान neutralize किए गए तीनों आतंकवादियों की पहचान शामिल है। उन्होंने बताया कि उनकी हत्या से मास्टरमाइंड समाप्त हुए और उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई में किसी भी हतोत्साहित या दबाव का प्रभाव नहीं था ।
🔗 पृष्ठभूमि और विवरण:
NIA की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की ISI द्वारा आतंकवादी समूह LeT को निर्देश जारी किए गए; हमलावरों और पाकिस्तान स्थित handlers के बीच real-time Intel sharing हुआ, जिसमें मकसद, समय और निशाना निर्दिष्ट था ।
जर्मन और अमेरिकी डेटा से यह स्पष्ट हुआ कि घटना से दो महीने पूर्व Maxar जैसी सैटेलाइट फर्म में Pakistan-based firm ने imagery requests की थीं, जो अपराध के पूर्व नियोजन में उपयोग हो सकते थे ।
📋 रिपोर्ट सारांश:
श्रेणी विवरण
हादसे का स्थल और समय Pahalgam, 22 अप्रैल 2025, बीसारन घाट
हमलावरों की पहचान तीन पाकिस्तानी नागरिक, LeT के वरिष्ठ
तकनीकी और दस्तावेजी सबूत NADRA ID, biometric data, satellite phone logs, ballistics match
अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट UNSC में TRF नामित, वैश्विक स्तर पर मान्यता
सरकारी पुष्टि गृह मंत्री ने संसद में सभी जानकारी साझा की
जांच एवं कार्रवाई NIA, J&K पुलिस, CRPF, सेना द्वारा extensive probe और encounter