भारत सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अहम निर्णय लिया है—अब स्वदेशी रेल ट्रेनों के लगभग 74,000 कोचों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना का काम शुरू हो गया है। यह आधुनिक सुरक्षा उपाय 2027 तक पूरे नेटवर्क में लागू किया जाएगा।
🔍 प्रमुख तथ्य और विशेषताएँ
पहला निर्णय:
12 जुलाई 2025 को रेल मंत्रालय की समीक्षा बैठक में इस परियोजना को मंजूरी मिली, जिसमें रेल मंत्री अश्विनी वैश्नव और स्टेट रेल मंत्री रवनीत सिंह बितू समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
कैमरों की संख्या:
हर पैसेंजर कोच में 4 डोम‑टाइप कैमरे—प्रत्येक द्वार पर दो
लॉकोमोटिव में 6 कैमरे, साथ में दो डेस्क‑माउंट माइक्रोफोन भी लगाए जाएंगे (केबिन के अन्दर)
तकनीकी मानक:
कैमरे STQC प्रमाणित होंगे, 100 किमी/घंटा से तीव्र गति पर और कम रोशनी में साफ वीडियो कैप्चर करेंगे
AI‑सक्षम एनालिटिक्स सिस्टम के माध्यम से संदिग्ध गतिविधि, भीड़भाड़ या unattended बैगेज की पहचान संभव होगी
गोपनीयता का ध्यान:
कैमरे केवल सामान्य आवागमन स्थलों (जैसे कोच के द्वार पास) पर ही लगाए जाएंगे; सीटों या बंद जगहों की निगरानी इस योजना में शामिल नहीं है।
🎯 उद्देश्य और लाभ
उद्देश्य लाभ
यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना अपराधियों और संदिग्ध गतिविधियों को रोकना, प्रोफाइल बनाना
दुर्घटना के बाद एनालिसिस संभव फुटेज से घटना की सत्यता व दोषियों की पहचान
कर्मियों / कर्मचारियों की सुरक्षा रोशनी न होने पर भी निगरानी, स्टाफ पर होने वाले हमलों से सुरक्षा
विश्वास और अनुशासन यात्रा में यात्रियों का विश्वास बढ़ना और अनुशासन कायम रहना
🛤️ लागू की जाने वाली योजना का ढाँचा
- प्रारंभिक ट्रायल सफल रहा—Northern Railway के कुछ कोचों और लोको पर कैमरे लगाए गए और परीक्षण सफल साबित हुआ।
- टीकाकरण और विस्तृत कार्य:
74,000 कोचों और 15,000 लोकोमोटिव्स तक विस्तार
परियोजना की समय सीमा 2027 तक निर्धारित
- प्रतिक्रियावादी विकास:
तेजी से घटना व पहचान मुमकिन होगी
प्रशिक्षण और सिस्टम प्रक्रिया के माध्यम से परिचालन सुचारू बनेगा
❓ आम सवाल और जवाब
क्या सभी ट्रेनों में कैंपल अभी लागू हो गया है?
नहीं, यह एक क्रमिक योजना है—ट्रायल सफल होने के बाद ही पूरे रेल नेटवर्क तक विस्तार किया जाएगा।
क्या केवल महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा जोड़ी जाएगी?
योजना सार्वजनिक सुरक्षा पर केंद्रित है, जिसमें सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, विशेष रूप से महत्वपूर्ण मार्गों पर जैसे महिला डिब्बे आदि।
क्या कैमरे बंद स्थानों जैसे टॉयलेट या सीटिंग एरिया में लगाए जाएंगे?
नहीं, ये कैमरे केवल कोच के सामान्य ट्रैफिक एरिया जैसे द्वार पास लगाए जाएंगे—जहां गोपनीयता कम प्रभावित होती है।
✅ निष्कर्ष
रेल मंत्रालय ने ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉलेशन की स्पष्ट रूप से मंजूरी दे दी है।
यह 2027 तक पूर्ण होने वाला बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य यात्री सुरक्षा, अपराध नियंत्रण और प्रमाण आधारित प्रतिक्रिया प्रणाली बनाना है।
कैमरों की तकनीकी गुणवत्ता और गोपनीयता संरचना पर विशेष ध्यान दिया गया है।