भारत द्वारा 17 जुलाई 2025 को घटाया गया परिचालन (Operational) परीक्षण, जिसमें दो नई मिसाइल प्रणालियाँ ‑ प्रिथ्वी‑II और अग्नि‑I ‑ एक साथ सफलतापूर्वक परीक्षण की गईं, ये पिछले कुछ वर्षों में हुई प्रमुख रक्षा उन्नयनों में से एक है।
🚀 मुख्य तथ्य
तारीख: 17 जुलाई 2025 को
स्थान: चांदिपुर, ओडिशा के Integrated Test Range (ITR) से
प्रस्तुति: Strategic Forces Command (SFC) के निरीक्षण में आयोजित
उद्देश्य: ऑपरेशनल और तकनीकी मानकों की पुष्टि करना (validation)
दोनों मिसाइलों ने अपने सभी मिशन उद्देश्य पूरे कर लिए, जिससे उनकी विश्वसनीयता प्रदर्शित हुई है।
🧭 प्रत्येक मिसाइल की विशेषताएं
मिसाइल श्रेणी रेंज वारहेड क्षमता विशेषताएँ
प्रिथ्वी‑II कम दूरी (Short‑Range) लगभग 350 किमी ~500 kg (पर 500–1000 kg तक) तरल ईंधन आधारित, सटीकता में सुधार, परमाणु/परंपरागत युद्धक्षमता
अग्नि‑I कम दूरी (Short‑Range) लगभग 700–900 किमी ~1,000 kg ठोस ईंधन आधारित, विश्वसनीय संचालन, रणनीतिक निरोध क्षमता बढ़ाती है
🎯 क्या यह नया रणनीतिक संकेत है?
इस परीक्षण को Operation Sindoor के बाद पाकिस्तान और क्षेत्रीय सेटिंग में एक स्ट्रैटेजिक संदेश माना जा रहा है। हाल ही में सीमा पार झड़पों के बीच (7–10 मई 2025), यह परीक्षण भारत की आपात‑निवारक तैयारी और परमाणु निरोध क्षमता की पुष्टता करता है।
📌 निष्कर्ष
दोनों मिसाइलों का परीक्षण पूर्ण रूप से सफल रहा।
यह परीक्षण संचालन में तत्परता, तकनीकी स्थिरता, और मजबूत निरोध क्षमता का संकेत है।
भारत की रक्षा रणनीति में यह सामरिक शक्ति और आत्मनिर्भरता का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा सकता है।