डूबा मणिकर्णिका घाट, छत पर करना पड़ रहा है अंतिम संस्कार

वाराणसी के प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट में गंगा नदी के बाढ़ के कारण जलस्तर इतना बढ़ गया है कि घाट पूरी तरह जलमग्न हो गया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अब अंतिम संस्कार छतों पर करना पड़ रहा है।


📍 क्या हो रहा है मणिकर्णिका घाट पर?

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है।

पूरा मणिकर्णिका घाट पानी में डूब चुका है, जिससे शवदाह स्थल तक पहुंचना असंभव हो गया है।

लोगों को मजबूरी में आसपास की इमारतों की छतों पर चिता जलानी पड़ रही है।

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चिता सामग्री जैसे लकड़ी, घी आदि को नाव के ज़रिए छतों तक पहुंचाया जा रहा है।


🛶 स्थिति कितनी गंभीर है?

गंगा का पानी घरों की पहली मंज़िल तक पहुंच गया है।

आसपास के मोहल्लों जैसे मणिकर्णिका, चितईपुर, राजघाट आदि में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने और ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी है।


📸 दृश्य बहुत ही मार्मिक:

जल में डूबे श्मशान की पृष्ठभूमि में छतों पर जलती चिताएं, एक बेहद विरल और हृदय विदारक दृश्य बन गई हैं।

कई लोगों को अंतिम संस्कार के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है क्योंकि जगह सीमित है।


⚠️ प्रशासन की तैयारी:

नगर निगम और आपदा प्रबंधन टीमें मौके पर तैनात हैं।

वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रशासन nearby इलाकों में अस्थायी शवदाह स्थल तैयार करने पर विचार कर रहा है।


🔁 क्यों हर साल होती है ऐसी स्थिति?

मानसून के दौरान गंगा का जलस्तर सामान्यतः बढ़ता है, लेकिन इस बार लगातार बारिश और जलप्रवाह के कारण बाढ़ की स्थिति अधिक गंभीर हो गई है।

मणिकर्णिका घाट की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यह थोड़े से जलवृद्धि में भी जल्दी डूब जाता है।

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